अर्चना मीना अपनी संवेदनशील कार्यकुशलता के कारण अपनी एक अलग पहचान रखती हैं। सामाजिक सेवा व उत्थान से संबंधित कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी बनाए रखने वाली महिला उद्यमी के रूप में उन्हें जाना जाता है।
अर्चना मीना एक प्रबुद्ध विचारशील समाजसेवी होने के साथ साथ होटल व्यवसाय, कृषि एवं शिक्षा से जुड़ा प्रखर किन्तु सहृदय व्यक्तित्व हैं। महिलाओं एवं बच्चों के प्राथमिक स्वास्थ्य व संवर्धन के मूलभूत अधिकारों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में उन्होंने सशक्त प्रयास किये हैं।
“क्षेत्रीय स्तर पर यदि प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता से इकाई पर कार्य किया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब अंतराष्ट्रीय स्तर तक हमारे देश की आत्मनिर्भरता की गूंज पहुंच जाएगी।”
अर्चना मीना वर्तमान में स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय सह-महिला प्रमुख के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं
अपनी इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने विभिन्न स्तरों पर स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योग इकाइयों को प्रोत्साहन एवं सहयोग दिया है। सरकार की विभिन्न योजनाओं, सहायता एवं सब्सिडी आदि की जानकारी ग्रामीण अंचल के किसानों, लघु उद्योग कर्मियों, कारीगरों व कलाकारों तक पहुंचाने में अर्चना मीना का विशेष प्रयास रहा है। आंगनबाड़ियों को गोद ले कर उनके रखरखाव व संचालन में सहयोग करने में उनकी विशेष रुचि रही है।
अर्चना मीना “वोकल फॉर लोकल” के नारे की गूंज को अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि “स्वदेशी से स्वाभिमान” की अवधारणा सफल हो सके। क्षेत्र के एवं देश के हित के प्रत्येक कार्य में वे एक जागरूक, निष्ठावान एवं सक्रिय नागरिक के नाते प्रतिपल सहायता को तत्पर रहती हैं।
अर्चना मीना विगत कई वर्षों से होटल अनुरागा पैलेस की निदेशक का कार्यभार संभाले हुए हैं। होटल अनुरागा पैलेस लगभग 30 वर्ष पहले स्थापित सवाई माधोपुर का पहला निजी होटल था।
अपनी मां श्रीमती जसकौर मीना द्वारा स्थापित ग्रामीण महिला विद्यापीठ की एग्जीक्यूटिव मेंबर के रूप में अर्चना मीना प्रारंभ से ही अपनी सक्रिय भूमिका निभाती आई हैं शिक्षा के क्षेत्र में बालिकाओं की उन्नति का आधार संपूर्ण व्यक्तित्व और प्रयोगात्मक ज्ञान होना चाहिए इसकी भी प्रबल पक्षधर है।
कृषि और कृषक हमारे देश की प्राण वायु है। मूलतः कृषक पारिवारिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाली अर्चना मीना का परिवार अपने समस्त कार्यों में कृषि को प्रमुखता देता है और उस से जुड़ कर गौरव का अनुभव करता है।
अर्चना मीना ने होटल एवं कृषि फार्म पर सौर ऊर्जा के उपयोग का प्रतिशत बढ़ाने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए न केवल अपने कार्यों में सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया है, अपितु अधिकाधिक लोगों को अपने विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रेरणा व सहयोग देने का कार्य भी किया है
अर्चना ने अपने अथक प्रयासों से गत 4 साल में “शुद्ध के लिए युद्ध” की विचारधारा के साथ दूध के साथ साथ पनीर, मावा इत्यादि की लघु उद्योग इकाई की शुरुआत की जिससे एक प्रकार के कोऑपरेटिव मूवमेंट को आरंभ किया गया ।
अर्चना मीना वर्तमान में स्वदेशी जागरण मंच की महिला कार्य प्रमुख (जयपुर प्रांत) हैं। जयपुर प्रांत के अंतर्गत 11 जिले समाहित हैं जिनमें स्वदेशी जागरण मंच द्वारा स्वदेश में निर्मित वस्तुओं के उपयोग के द्वारा हमारे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ाने की पवित्र मुहिम को आगे बढ़ाने में उनका निरंतर प्रयास एवं योगदान
उनके द्वारा स्वयं सहायता समूह को चॉक बनाने की मशीन एवं मोमबत्ती बनाने की स्वदेश में निर्मित मशीन भेंट की गई जिसके द्वारा आज समूह की महिलाएं चॉक व मोमबत्ती बनाने में निपुण है।अर्चना मीना उनका कच्चा माल एवं बने हुए उत्पादों की पैकेजिंग एवं मार्केटिंग को स्वयं देखती हैं
देसी व गीर गायों की डेयरी होने के कारण उनसे प्राप्त गोबर से अन्य ऐसे उत्पाद बनाने की उन्होंने लघु इकाई डाली जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक और सकारात्मक कदम बढ़ाए जा सके। जड़ी बूटियों व पूजा में प्रयुक्त होने वाली धूप इत्यादि को गोबर में मिलाकर धूप बत्ती का निर्माण आदि
कोविड-19 महामारी के प्रथम और दूसरे दौर में अर्चना मीना ने यथासंभव मदद कर अपना एक संवेदनशील नागरिक होने का कर्तव्य निभाया। उन्होंने महीनों तक ऐसे घरों में निशुल्क भोजन भेजा जहां घर की महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हो गई थीं। उनकी इसी संवेदनशीलता के चलते उन्हें फूड दीदी