मानवता की पहली सीख यह है की हर एक इंसान की ओर दया और समझदारी का भाव रखिए क्योंकि आप नहीं जानते उसकी वास्तविक परिस्थिति क्या रही है। आज स्वर्गीय डॉ. अर्चना शर्मा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते समय यही शब्द मन दोहरा रहा था। इस दुनिया में डॉक्टर का दर्जा भगवान सरीखा होता है। जो हाथ जीवन देते हैं वे हत्या के कलंक का वजन नहीं झेल पाए। अफसोस इस बात का है की जिन्होंने यह कलंक लगाया वे कुछ पल अपने छिछले राजनैतिक स्वार्थों और मौकापरस्ती के स्वभाव को छोड़ कर तथ्यों की गहराई में जाते तो एक डॉक्टर का अनमोल जीवन बच सकता था।
मैं डॉक्टर अर्चना शर्मा जी को आज अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग करती हूं ताकि मानवता की रक्षा की जा सके और दिवंगत आत्मा को न्याय मिल सके।
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