विश्व महिला दिवस के दूसरे ही दिन मेरे लिए एक और विशेष दिन आता है और वो है मेरे विवाह की वर्षगांठ। ये दोनों ही दिन मेरे जीवन में एक दूसरे से गहरा संबंध रखते हैं। मेरे जीवन के हर एक लक्ष्य की प्राप्ति में, मेरे आत्मसम्मान की रक्षा के साथ आत्मबल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में यदि कोई मेरे साथ निरंतर संबल की भांति रहा है तो वो मेरे पति राजेश जी हैं। जब पुरुष घर की महिलाओं के सशक्तिकरण को लक्ष्य बना लें तो जीवन की हर वर्षगांठ मजबूती से बंधती जाती है।
ईश्वर से प्रार्थना है की वे हमारे संबंध और संस्कारों के इस सुंदर बंधन को और सुदृढ़ करें।
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