सफलता की राह सरल नहीं होती किंतु स्वयं के लिए नए मार्ग बनाने वाले जुझारू और मेहनती व्यक्ति सरलता नहीं बल्कि स्वाभिमान ढूँढते हैं।
स्वावलंबन का मार्ग स्वाभिमान का मार्ग है और अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव होता है जब आज के युवा स्वयं पर और स्वयं के श्रम व कुशलता पर विश्वास कर स्वरोजगार के मार्ग को चुन कर कुछ नया करते हैं। रोजगार सृजन के साथ-साथ रोजगार के प्रदाता के रूप में समाज में अपना स्थान सुनिश्चित करते हैं।
आज इसी का उदाहरण देखने को मिला जब मेरी ममेरी बहन बीना के सुपुत्र रवि के द्वारा दौसा में खोली गई पूर्वी बेकरी को देखा।
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