परिवार की परिभाषा में केवल रक्त के सम्बंध आते हों ऐसा नहीं है, मेरे जीवन का अनुभव यह है कि रक्त, जाति, समाज के रिश्तों की भाँति ही परस्पर अपनत्व और सद्भावना के कारण जुड़े सम्बन्धों की जड़ें भी उतनी ही गहरी होती हैं।
जब ऐसे सज्जनों का सानिध्य मिलता है तो परिवार और विस्तृत होता चला जाता है।
आज सवाई माधोपुर में श्री लक्ष्मीचंद मीना जी (सेवानिवृत प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, गंगापुर सिटी) की सुपुत्री पूनम के लग्न टीका कार्यक्रम में सम्मिलित होकर बहुत से परिचित परिवारों से एक समयांतराल के बाद भेंट हुई और नए सज्जनों से मिलना हुआ तो यही विचार मेरे मन में आए।
दोनों परिवारों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
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