Archana Meena

सही कार्य के निमित्त यदि हम सही समय पर सही स्थान तक पहुँच सकें तो उसे ही सौभाग्य कहा जाता है। मेरा सौभाग्य ही था की महाराष्ट्र में नासिक के पास एक छोटे से गाँव में 30 स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित वस्तुओं की बिक्री हेतु एक दुकान के शुभारंभ के अवसर पर मैं वहाँ उपस्थित थी। यहाँ महिला सशक्तिकरण में सरकार के सहयोग का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला।
समूह की बहनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और उनके कार्यक्रम में सहभागी होकर यह विश्वास हो गया कि सहायता के लिए बढ़ाया हाथ यदि हमारे देश के ग्रामीण भाग की मातृशक्ति को थमा दिया जाए तो वे आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ वैयक्तिक एवं सामाजिक स्थितियों में ना केवल सुधार लाने में सक्षम हैं वरन् हमारे देश में महिलाओं के मनोबल को अभूतपूर्व ऊँचाइयों तक ले जाने की आंतरिक शक्ति भी रखती हैं।
Inauguration of a shop in a village of Nashik in Maharashtra to sell items made by 30 self-help groups
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