भारत पुरातन काल से ही विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। एक भावना प्रधान, कर्म प्रधान एवं सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण को प्रधान मानने वाले राष्ट्र के रूप में हमारा अलग ही अस्तित्व है।
हमारे लिए कण कण में ईश्वर का वास है और हर जीव में परमात्मा व्याप्त है, इसी विश्वास और संस्कार का परिचायक है कि हम माता की भाँति मानवजाति का पालन पोषण करने वाली गौमाता में समस्त देवताओं का वास मानकर उन्हें पूजते है और माँ का स्थान देते हैं।
हमारे शबरी फार्म पर इसी भावना से “शबरी कामधेनु मंदिर” की प्राण प्रतिष्ठा का सपना प्रभु इच्छा से पूरा हुआ।
गौ संवर्धन का प्रतीक यह मंदिर जीव जंतु के प्रति करुणा, दया एवं प्रकृति के प्रति हमारे भीतर संवेदनशीलता की प्रेरणा जाग्रत करेगा ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है ।
जय श्री कृष्णा।
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