Archana Meena

About

Archana Meena Hut Jhopdi

अर्चना मीना अपनी संवेदनशील कार्यकुशलता के कारण अपनी एक अलग पहचान रखती हैं। सामाजिक सेवा व उत्थान से संबंधित कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी बनाए रखने वाली महिला उद्यमी के रूप में उन्हें जाना जाता है।
अर्चना मीना एक प्रबुद्ध विचारशील समाजसेवी होने के साथ साथ होटल व्यवसाय, कृषि एवं शिक्षा से जुड़ा प्रखर किन्तु सहृदय व्यक्तित्व हैं। महिलाओं एवं बच्चों के प्राथमिक स्वास्थ्य व संवर्धन के मूलभूत अधिकारों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में उन्होंने सशक्त प्रयास किये हैं।
उनका मानना है कि क्षेत्रीय स्तर पर यदि प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता से इकाई पर कार्य किया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब अंतराष्ट्रीय स्तर तक हमारे देश की आत्मनिर्भरता की गूंज पहुंच जाएगी। अपनी इसी विचारधारा के चलते उन्होंने सन 2020 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वदेशी जागरण मंच की सदस्यता ग्रहण की। अपनी कार्यकुशलता, योग्यता, सेवाभाव एवं सक्रिय भागीदारी के फलस्वरूप अर्चना मीना वर्तमान में स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय सह-महिला प्रमुख के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं। साथ ही वे स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय सह-समन्वयक भी हैं।
अपनी इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने विभिन्न स्तरों पर स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योग इकाइयों को प्रोत्साहन एवं सहयोग दिया है। सरकार की विभिन्न योजनाओं, सहायता एवं सब्सिडी आदि की जानकारी ग्रामीण अंचल के किसानों, लघु उद्योग कर्मियों, कारीगरों व कलाकारों तक पहुंचाने में अर्चना मीना का विशेष प्रयास रहा है। आंगनबाड़ियों को गोद ले कर उनके रखरखाव व संचालन में सहयोग करने में उनकी विशेष रुचि रही है।
अर्चना मीना “वोकल फ़ॉर लोकल” के नारे की गूंज को अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि “स्वदेशी से स्वाभिमान” की अवधारणा सफल हो सके। क्षेत्र के एवं देश के हित के प्रत्येक कार्य में वे एक जागरूक, निष्ठावान एवं सक्रिय नागरिक के नाते प्रतिपल सहायता को तत्पर रहती हैं।

जीवन परिचय

अर्चना मीना का जन्म 3 नवंबर को श्री श्रीलाल मीना एवं श्रीमती जसकौर मीना के घर में हुआ। उनके पिता जीवन बीमा निगम में कार्यरत थे और माँ शिक्षिका थीं। माता पिता के सरल जीवन के साथ उच्च जीवन मूल्यों के अनुसरण करने का उनके जीवन मे गहरा प्रभाव पड़ा। माँ श्रीमती जसकौर मीना का एक शिक्षिका से केंद्रीय मंत्री बनने तक कि प्रेरणादायी यात्रा के महत्व को बचपन से उन्होंने देखा और आत्मसात किया है। अर्चना मीना की प्रारंभिक शिक्षा क्रमशः करौली, जयपुर, लालसोट एवं सवाई माधोपुर में संम्पन्न हुई। वे प्रारम्भ से ही मेधावी होने के साथ साथ प्रतिभावान छात्रा रहीं और कला व संस्कृति में उनकी विशेष रूचि रही। Archana Meena - Swami Vivekananda

साहित्य के प्रति रुझान उनका पारिवारिक संस्कार रहा है अतः अर्चना मीना के पसंदीदा विषयों में अंग्रेज़ी व हिंदी साहित्य शामिल रहे हैं।

उनका विवाह श्री राजेश कुमार मीना के साथ हुआ जो महाराष्ट्र कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (1988 बैच) के अधिकारी हैं और वर्तमान में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं।

ग्रामीण  क्षेत्र से प्रारंभ से जुड़े रहने व राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि कोअपने व्यक्तिगत अनुभव द्वारा नजदीक से समझने के कारण अर्चना मीना विभिन्न योजनाओं और ग्रामीण अंचल पर उसके प्रभाव के विषय मे गहरी रुचि रखती हैं।

स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय सह-महिला प्रमुख एवं स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय सह-समन्वयक होने के नाते वे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों को इस प्रकार जोड़ने में प्रयासरत हैं कि वंचितों को अधिकाधिक लाभ मिल सके और ग्रामीणजन, युवा एवं विशेषकर महिलाएं स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

जीवन यात्रा (बायोग्राफी)

Archana Meena with Her Parents Shrilal Meena Jaskaur Meena

अर्चना मीना, श्री लाल मीना व भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान में दौसा राजस्थान से लोकसभा सांसद श्रीमती जसकौर मीना की सुपुत्री हैं।

उनके परिवार में उनके पति राजेश कुमार मीना जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं एवं पुत्र आधार व पुत्री इशिता हैं जिनका सहयोग एवं प्रोत्साहन उनके जनकल्याण के कार्यक्रमों में निरंतर बना रहता है। ग्राम शफीपुरा, तहसील बामनवास, सवाई माधोपुर उनका मूल निवास एवं ग्राम मंडावरी, तहसील लालसोट जिला दौसा का उनका ननिहाल परिवार आज भी अपने ग्रामीण परिवेश व संस्कारों से जुड़ा हुआ है। साथ ही पिता श्रीलाल मीना के आध्यात्मिक चिंतन एवं साहित्यिक रुझान के संस्कारों का अनुसरण कर अर्चना मीना ने प्रेरणादायक लेख एवं कई पुस्तकों का संकलन एवं सृजन किया जिनमें ‘छप्पन शंखनाद’ एवं बहनों के भाई – नरेंद्र मोदी प्रमुख हैं।

स्थानीय स्तर पर यदि प्रतिबद्धता व दूरदर्शिता से इकाइयों पर कार्य किया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक हमारे देश की आत्मनिर्भरता की गूंज पहुंचेगी।

~ अर्चना मीना