भारत की अद्भुत, अद्वितीय ज्ञान की विरासत पर पड़ी सदियों की धूल को अपनी प्रखर बुद्धि और आत्मबल से हटा कर दुनिया के सामने भव्य रूप में प्रकट करने वाले स्वामी विवेकानंद का ऋण देशवासी केवल उनके विवेक का अनुसरण करके ही चुका सकते हैं। आज के भारत की यह संभवतः सबसे बड़ी आवश्यकता भी है।
मेरी अपील है आज की युवा पीढ़ी से की देश की आत्मा को समझने के लिए स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को पढ़ें।
ऐसे सच्चे देशभक्त की जयंती पर उनको मेरा कोटि कोटि नमन।