परस्पर अपनत्व और सद्भावना के कारण जुड़े सम्बन्धों की जड़ें बहुत गहरी होती हैं
परस्पर अपनत्व और सद्भावना के कारण जुड़े सम्बन्धों की जड़ें बहुत गहरी होती हैं। जब ऐसे सज्जनों का सानिध्य मिलता है तो परिवार और विस्तृत होता चला जाता है। आज ऐसा ही अनुभव बौंली से लौटते समय भाई श्री शंकरलाल जी गुर्जर (अध्यक्ष, ग्राम सेवा सहकारी समिति, बौंली) के घर रुक कर हुआ। उनकी माताश्री […]
“माँ के कदमों के नीचे स्वर्ग होता है” यह केवल वाक्य नहीं है अपितु शाश्वत सत्य है
“माँ के कदमों के नीचे स्वर्ग होता है” यह केवल वाक्य नहीं है अपितु शाश्वत सत्य है। संसार के समस्त सम्बन्ध किसी ना किसी आदान प्रदान के निमित्त हो सकते हैं किंतु माँ अपनी संतान से लेती कुछ नहीं केवल देती ही है। ज्ञान, संस्कार, प्रेम, प्रेरणा और समय के साथ अपना सर्वस्व दे कर […]