जब सज्जनों का सानिध्य मिलता है तो परिवार और विस्तृत होता चला जाता है।
परिवार की परिभाषा में केवल रक्त के सम्बंध आते हों ऐसा नहीं है, मेरे जीवन का अनुभव यह है कि रक्त, जाति, समाज के रिश्तों की भाँति ही परस्पर अपनत्व और सद्भावना के कारण जुड़े सम्बन्धों की जड़ें भी उतनी ही गहरी होती हैं। जब ऐसे सज्जनों का सानिध्य मिलता है तो परिवार और विस्तृत […]